सैन भक्त की कथा / Kabir Saheb के चमत्कार

Kabir Saheb Ke Chamatkar

Sainy Bhakt Ki Katha

कबीर, जो जन मेरी शरण है, ताका हूँ मैं दास।
गेल-गेल लाग्या फिरूँ, जब तक धरती आकाश।

 परमात्मा कबीर जी ने बताया है कि यदि कोई जीव किसी युग में मेरी दीक्षा ले लेता है। यदि वह पार नहीं हो पाता है तो उसको किसी मानुष जन्म में ज्ञान सुनाकर शरण में लूँगा। उसके साथ-साथ रहूँगा। मेरी कोशिश रहती है कि किसी प्रकार यह काल जाल से छूटकर सुख सागर सत्यलोक में जाकर सुखी हो जाए। मेरा प्रयत्न तब तक रहता है जब तक धरती और आकाश नष्ट नहीं होते यानि प्रलय नहीं होती। नाई समुदाय में एक महान भक्त नंदा जी हुए हैं नाई को सैन भी कहते हैं। वे परमात्मा की धुन में लगे रहते थे। राजा के निजी नाई थे। प्रतिदिन राजा की हजामत करने जाया करते थे। राजा के सिर की मालिश करने भी जाते थे।

भक्त नंदा जी एक दिन भगवान की भक्ति में इतना मग्न हो गया कि उसको ध्यान नहीं रहा कि मैंने राजा की हजामत करने जाना था। राजा की दाढ़ी बनाने करने जाने का निर्धारित समय था। वह समय जा चुका था। दो घण्टे देर हो चुकी थी। राजाओं की जुबान पर दण्ड रहता था। जो भी नौकर जरा-सी गलती करता था तो उसको निर्दयता से कोड़ों से पीटा जाता था। अचेत होने पर छोड़ा जाता था। शरीर की खाल उतर जाती थी। रो-रोकर बेहोश हो जाता था। यह दश्य भक्त नंदा कई नौकरों के साथ देख चुके थे।

भक्त के साथ हुआ चमत्कार

आज उनको वही भय सता रहा था। काँपते-काँपते राजा के निवास पर पहुँचे। राजा के पैरों में गिरकर देर से आने की क्षमा याचना करने लगा कहा कि माई-बाप आगे से कभी गलती नहीं करूँगा। भक्त ने देखा कि राजा की दाढ़ी बनाई हुई थी। सिर में मालिश भी कर रखी थी। भक्त सैन को समझते देर नहीं लगी कि किसी अन्य नाई से हजामत तथा मालिश कराई है।

राजा ने पूछा कि हे नन्दा नाई! आप क्या कह रहे हो? आप पागल हो गये हो क्या? भक्त नंदा जी ने कहा, महाराज! आज मुझे ध्यान ही नहीं रहा, मैं भूल गया। मैं आपके दाढ़ी बनाने के समय पर नहीं आया। जीवन में पहली व अंतिम गलती है। कभी नहीं करूँगा। उसका विलाप सुनकर रानी तथा अन्य मंत्री भी आ गए थे। राजा ने कहा कि हे नन्दा सैन! आप अभी-अभी दाढ़ी बनाकर सिर में मालिश करके गए हो। आप क्या कह रहे हो? आप देर से आए हो। क्या नींद में बोल रहे हो? भक्त नंदा जी ने कहा कि नहीं महाराज! आपने किसी अन्य नाई से हजामत कराई है।

मैं तो अभी-अभी आया हूँ। राजा ने सैन भक्त के घर पर मंत्री भेजकर पता कराया तो उनकी पत्नी भी रो रही थी कि आज पति देर से गए हैं, उनको दण्ड दिया जा रहा होगा मंत्री ने पूछा कि क्यों रो रही हो बहन? भक्तमति ने बताया कि मेरे से गलती हो गई मैंने भक्त को याद नहीं दिलाया। भक्ति पर बैठने से पहले भक्त ने कहा था कि कुछ समय पश्चात् मुझे याद दिलाना कि राजा की सेवा करने जाना है। मैं भी भूल गई, भक्त भी भक्ति में व्यस्त थे।

दो घण्टे बाद उठे तो याद आया। उनकी नौकरी जाएगी तो हम क्या खाएंगे? बच्चे भूखे मर जाएंगे पति को दण्ड मिलेगा। मंत्री जी तुरंत वापिस आए और राजा से बताया कि वास्तव में नंदा तो देर से अभी आया है। इनके रूप में कोई और आया था जो आपकी हजामत तथा मालिश करके चला गया। यह बात सुनकर राजा को समझते देर नहीं लगी कि भक्त सैन के रूप में भगवान आए थे। राजा सिंहासन से नीचे आया और भक्त सैन जी को सीने से लगाया और कहा कि भक्त! मैं तेरे को सेवा से मुक्त करता हूँ। तेरे को राजदरबार में दरबारी रखता हूँ।

मेरे को दोष लगा है कि भक्त के स्थान पर भगवान ने मेरी दाढ़ी बनाई, सिर की मालिश की। मैं इस पाप को कैसे धो पाऊँगा? नंदा जी भी समझ गए कि मेरे कारण परमात्मा को कष्ट हुआ तो और जोर-जोर से रोने लगे कि हे परवरदिगार! मुझ दो कोड़ी के दास के कारण आप स्वर्ग छोड़कर नाई सैन बने। मुझे उठा देते भगवान। आपको कष्ट उठाना नहीं पड़ता। मैं समय पर आ जाता। इसलिए वाणी के माध्यम से बताया है कि सच्चे भक्त पर परमात्मा ऐसे कृपया करते हैं। गरीब दास, गोता मारूँ स्वर्ग में, जा पैठूँ पाताल। गरीबदास खोजत फिरूँ, अपने हीरे मोती लाल।।

शास्त्रानुकुल साधना 

 शास्त्रानुकूल साधना से ही मोक्ष की प्राप्ति की जा सकती है। आज पुरे विश्व में शास्त्रानुकुल साधना केवल संत रामपाल जी महाराज ही बताते है। सन्त रामपाल जी महाराज ही पूर्ण सन्त है जो पूर्ण परमात्मा को पाने की शास्त्र प्रमाणित भक्ति विधि बताते है तथा पूर्ण मोक्ष की गारंटी भी देते है। आज तक किसी भी धर्म का धर्मगुरु ने पूर्ण परमात्मा का नाम व पहचान नहीं जान पाया लेकिन सन्त रामपाल जी महाराज ने अपने सभी शास्त्रों में से प्रमाण निकालकर बताया कि कबीर साहिब ही पूर्ण परमात्मा है।

अत: विश्व के सभी धर्मों के धर्म गुरुओं से प्रार्थना है कि मान बड़ाई छोड़ कर अपने भक्तों को भी तत्वदर्शी संत की शरण में लेकर आओ। अरबों गायों को हत्या से बचाने का पुण्य आपको मिलेगा। सोचो! अब जनता भी जागेगी वक्त है संभल जाओ। अत: आप सभी से विनम्र निवेदन है अविलंब संत रामपाल जी महाराज जी से नि:शुल्क नाम दीक्षा लें। अपना जीवन सफल बनाएं। आध्यात्मिक जानकारी के लिए आप संत रामपाल जी महाराज जी के मंगलमय प्रवचन सुनिए। यह लखचौरासी से मुक्ति पाना का एक सरल उपाये है। संत रामपाल जी महाराज का ज्ञान विभिन्न चैनलों पर सुने:-

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