Samaj Sudharak Sant Rampal Ji (संत रामपाल जी महाराज) ही एकमात्र ऐसे संत हैं जिनके अनुयायी अपने गुरु के बनाए नियमों को निभाते हैं। संत रामपाल जी ने अपने शिष्यों के लिए रिश्वतखोरी, चोरी, ठगी, दहेज लेना देना आदि की मनाही कर रखी है।प्राकृतिक आपदा के समय संत रामपाल जी महाराज के अनुयायियों ने बाढ़ में फंसे लोगों की हरसंभव सहायता की है l खाने-पीने की जरूरी चीजों से लेकर अन्य राहत सामग्री की व्यवस्था भी संत रामपाल जी महाराज के अनुयायियों ने की है l
दहेज रूपी दानव का ख़ात्मा
रामपाल जी महाराज जी के बनाए नियमों के अनुसार हर भक्त दूसरों की बेटियों को अपनी बेटी, बहन की दृष्टि से देखते है क्योंकि अगर कोई दूसरों की बेटियों को गलत नज़र से देखता है तो उसे परमात्मा के दरबार में दंड मिलता है। इस प्रकार संत रामपाल जी के शिष्य सभी बहन, बेटियों का सम्मान करते हैं। संत रामपाल जी का ज्ञान ही ऐसा है कि जिससे इंसान का आचरण शुद्ध हो जाता है। जैसे कि ऊपर बताया गया है कि संत रामपाल जी के शिष्य मात्र 17 मिनट में बिना दान- दहेज़ के शादी करवाते हैं। इस प्रकार बेटियाँ माँ- बाप पर बोझ नहीं बनती।
एक तरफ समाज में जहां बेटियों को बोझ समझा जाता है वहीं दूसरी ओर संत रामपाल जी महाराज जी बेटियों के लिए दहेज मुक्त समाज का निर्माण कर रहे हैं और यही कारण है कि आज लाखों बेटियां दहेज मुक्त विवाह करके अपना सुखी जीवन जी रही है। संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य न दहेज लेते हैं और ना देते हैं। संत रामपाल जी महाराज जी के पद चिन्हों पर चलकर दहेज मुक्त विवाह करते हैं।
जब धरती पर जुल्म बढ़ता है तब- तब परमात्मा कोई न कोई रूप धारण करके इस पृथ्वी लोक मे आते हैं। ऐसे ही वर्तमान में समय में परमात्मा के अवतार संत रामपाल जी महाराज के रूप में आए हुए हैं l
Samaj Sudharak Sant Rampal Ji : आपदाओं में सहायता करना
Samaj Sudharak Sant Rampal Ji : समाज में जब जब भी त्रासदी अथवा आपदा आई है संत रामपाल जी महाराज जी व उनके शिष्य हमेशा आगे रहते हैं। संत रामपाल जी महाराज जी का यही ज्ञान है कि परोपकार तथा परमार्थ के कार्य में हमेशा आगे रहना चाहिए और यही कारण है कि संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य हमेशा आगे रहते हैं।
जो कोई करै सो स्वार्थी, अरस परस गुण देत।
बिन किये करै सो सूरमा, परमारथ के हेत ।।
कोरोना कल में मदद
संत रामपाल जी महाराज जी की आदेश अनुसार संत रामपाल जी महाराज जी की शिष्य कोरोना काल में विशेष योगदान दिए थे। कुरूना महामारी में लॉकडाउन के कारण जहां कहीं भी खाने की व्यवस्था नहीं थी वहां खाने की व्यवस्था किए थे। जगह-जगह लोगों को ताज सामग्री पहुंचाई गई थी।
बाढ़ त्रासदी में मदद
संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य कोरोना कल में साथ देने के साथ-साथ बाढ़ टेस्ट में भी लोगों की विशेष मदद की है। हाल ही में जहां कहीं भी बाढ़ आई थी वहां पर लोगों को राहत सामग्री पहुंचाई गई। संत रामपाल जी महाराज जी के शिक्षा का ही परिणाम है संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य आगे रहते हैं।
नशा मुक्त समाज का निर्माण
संत रामपाल जी महाराज जी समाज के परोपकारी कार्य में नशा मुक्त का कार्य भी सम्मिलित है। जहां युवा पीढ़ी नसीब मिलत है वहीं दूसरी ओर संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य नशा नहीं करते हैं और यहां तक कि ना ही नशा की सामग्री को हाथ लगाते हैं। इससे समाज एक नई दिशा की ओर अग्रसर होगा जिसमें किसी भी प्रकार का नशा चोरी जारी रिश्वतखोरी इत्यादि से मुक्त होगा।
देहदान एवं रक्तदान में योगदान
संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य सदैव परोपकार के कार्य में आगे रहते हैं और यही कारण है कि वह संत रामपाल जी महाराज जी के प्रत्येक आदेशों का पालन करते हैं। संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य रक्तदान एवं देहदान में विशेष योगदान दिए हैं।
संत रामपाल जी महाराज व उनके शिष्य हमेशा से ही परमार्थ के कार्यों में आगे रहे हैं । संत रामपाल जी महाराज जी का यही उद्देश्य है समाज में अनैतिक कार्यों को समाप्त करके नैतिकता को बढ़ावा देना है।
संत रामपाल जी महाराज के परमार्थ के कार्य
जब भी विश्वकल्याण एवं परमार्थ की चर्चा होती है, तो संत रामपाल जी महाराज का स्थान सर्वोच्च रहता है। जब भी मानव समाज पर कोई आपदा आयी, संत रामपाल जी महाराज के आदेशानुसार उनके परमार्थी शिष्य जान की परवाह न करके तन मन धन से मानव सेवा को समर्पित हो जाते हैं।
वाकई संत रामपाल जी महाराज ऐसा अद्भुत समाज तैयार करके जनता पर बहुत बड़ा उपकार कर रहे हैं।
चाहे कोरोना महामारी हो, बाढ़ त्रासदी हो या उड़ीसा रेल दुर्घटना हो।
संत रामपाल जी महाराज के सेवाभावी शिष्य आपदाओं के समय अपने गुरुजी की शिक्षाओं से जान जोखिम में डालकर भी जरुरत मंद लोगों की सहायता करते है। जरूरमंद लोगों को निःशुल्क भोजन सामग्री, जरूरी वस्तुएं, आवश्यक दवाइयां उपलब्ध कराकर तथा घायलों को सैकड़ो यूनिट रक्तदान कर मानवता की मिसाल पेश की है।
जाति ना पूछो संत की, पूछ लीजियो ज्ञान।
मोल करो तलवार का, पड़ा रहन दो म्यान।।
संत रामपाल जी महाराज का ज्ञान सर्व शास्त्रों से प्रमाणित तथा कबीर साहेब की शिक्षाओं पर आधारित है। उनके अनुयायी छुआछूत तथा किसी प्रकार का जातिवाद नहीं करते है, मर्यादित भाषा का प्रयोग करते है तथा प्रेम भाव से रहते है।
संत रामपाल जी महाराज जातिवाद को समाप्त करके बहुत बड़ा परोपकार कर रहे हैं।
मुझे भरोसा ही नहीं बल्कि पूर्ण विश्वास है यदि संत रामपाल जी महाराज का अनमोल तत्वज्ञान सभी स्वीकार कर ले तो मणिपुर जैसी हिंसा तथा शर्मनाक घटनाएं पूर्णतया बंद हो सकती है।
संत रामपाल जी महाराज शास्त्रविधि अनुसार भक्ति प्रदान करके मानव समाज पर बहुत बड़ा उपकार कर रहे हैं।
शास्त्रसम्मत भक्ति से कैंसर जैसी घातक बीमारियां भी ठीक हो रही है। साथ ही नशा मुक्त, दहेजमुक्त, भ्रष्टाचार मुक्त स्वच्छ समाज के निर्माण में संत रामपाल जी महाराज का अद्वितीय योगदान है।
अंत में यही कहना चाहेंगे कि पूरे विश्व को संत रामपाल जी महाराज की शिक्षाओं तथा सद्भक्ति को अपनाना चाहिए। तथा सभी को मानव कल्याण के मिशन से अविलम्ब जुड़ना चाहिये।
संत रामपाल जी महाराज तत्वज्ञान संदेश द्वारा अज्ञान और भौतिकवाद में फंसी आत्माओं को जगाकर बहुत बड़ा उपकार कर रहे हैं।
संत रामपाल जी महाराज मनुष्य जीवन के महत्व को समझाते हुये बताते हैं कि:- मानुष जन्म पाय कर, जो नहीं रटे हरि नाम।
जैसे कुआं जल बिना, बनवाया क्या काम।।
FQA about Sant Rampal Ji Maharaj
संत रामपाल जी ने क्या समाज सुधार किया?
संत रामपाल जी ने समाज से नशा, दहेज, मांसाहार, रिस्वतख़ोरी, व्यभिचार, छूआछूत, जाति पाति का भेद भाव, पाखंड वाद और अंधविश्वास मुक्त मानव समाज तैयार कर रहे हैं साथ में भक्त समाज को सत् भक्ति विधि बताकर सबको मोक्ष की राह व भगवान से लाभ लेने की विधि बता रहे हैं।
संत रामपाल जी का कौन सा पंथ है?
संत रामपाल जी महाराज कबीर पंथी हैं।
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